शब्द का अर्थ
|
धाना :
|
अ० [सं० धावन] १. दौड़ाना। २. बहुत तेजी से चलते हुए आगे बढ़ना। मुहा०—धाय पूजना=(क) धाकर और दौड़ते हुए जाकर किसी को पूजना। (ख) बिलकुल अलग या बहुत दूर रहना। (परिहास और व्यंग्य) ३. किसी काम के लिए प्रयत्न करते समय इधर-उधर दौड़-धूप करना। स्त्री० [सं० √धा(धारण)+न—टाप्] १. भुना। हुआ जौ या चावल। बहुरी। २. अन्न का कण या छोटा दाना। ३. सत्तू। ४. धान। ५. अनाज। अन्न। ६. पौधों आदि का अंकुर। ७. धनियाँ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
धाना-चूर्ण :
|
पुं० [ष० त०] सत्तू। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
धाना-भर्जन :
|
पुं० [ष० त०] अनाज भूनना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |